सेविंग अकाउंट में कितने पैसे रख सकते हैं? जानिए पूरी इंफॉर्मेशन
सेविंग अकाउंट में कितने पैसे रख सकते हैं? जानिए पूरी इंफॉर्मेशन : आज के टाइम में चाहे कोई व्यक्ति गरीब हो या अमीर हो उसके पास कोई ना कोई बचत खाता जरूर होता है। भारत सरकार की तरफ से डिजिटल इंडिया बनाने के लिए हर व्यक्ति के पास बैंक अकाउंट करने के लिए जन धन योजना लॉन्च की गई थी। इस योजना के माध्यम से सभी व्यक्तियों का जीरो अकाउंट ओपन किया गया था।
इस समय इंडिया के 80 परसेंट लोगों के पास किसी न किसी बैंक में बचत खाता है। हर बैंक की तरफ से मिनिमम बैलेंस की रिक्वायरमेंट होती है। सारे लोगों के मन में सवाल रहता है कि हम Saving Account यानी कि बचत खाता में कितना अधिकतम पैसा रख सकते हैं और हमें कितना पैसा रखना चाहिए। आपकी इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए हम आपके यहां पर बताएंगे कि सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रखना चाहिए।
सेविंग अकाउंट में कितने पैसे रख सकते हैं?
बहुत सारे लोगों के मन में एक सवाल और रहता है कि क्या सेविंग अकाउंट में जमा पैसा इनकम टैक्स के अंतर्गत आता है कि नही। सबसे पहले आपको मालूम होना जरूरी है कि बैंक अकाउंट में खाता खोलने के तीन विकल्प होते हैं। आप सेविंग अकाउंट करंट अकाउंट और सैलरी अकाउंट खोल सकते हैं।
देश के अधिकतर लोगों के पास सेविंग अकाउंट होता है। बिजनेस करने वाले लोगों के पास होता है तो वही सैलरी अकाउंट केवल उन्हीं लोगों के पास होता है जो प्राइवेट फॉर्म में काम करते हैं और उनकी सैलरी उनके अकाउंट में आती है। सेविंग अकाउंट में अधिकतम पैसे रखने की कोई लिमिट नहीं होती है लेकिन अगर आप अधिक पैसा रखते हैं तो वह पैसा इनकम टैक्स के दायरे में आता है। आपको जानना यह जरूरी है कि सेविंग अकाउंट में कितना पैसा होना चाहिए जिससे कि वह पैसा इनकम टैक्स के दायरे में ना हो।
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खाते मे कितना पैसा रखना चाहिए ?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ टैक्स के अनुसार एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपए से अधिक की रकम की जानकारी देना अनिवार्य है। ये लिमिट म्युचुअल फंड, एफडी, बॉन्ड, शेयर, के निवेश पर भी लागू होती है। आपके जानकारी के लिए बताना चाहता हूं कि सेविंग अकाउंट में जमा पैसे पर लगने वाले ब्याज पर भी इनकम टैक्स लगता है। लेकिन इसके जुड़े भी कुछ नियम होते हैं जिसके अनुसार आपको ब्याज पर इनकम टैक्स देना पड़ता है।
IT Act सेक्शन 80TTA के तहत एक फाइनेंसियल वर्ष में जमा पैसे पर मिलने वाले 10,000 रुपए तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं पड़ता है। वहीं अगर आप जमा पूंजी पर एक फाइनेंशियल वर्ष में ₹10000 से अधिक का ब्याज प्राप्त करते हैं तो आपको उस पर इनकम टैक्स देना पड़ता है। लेकिन अगर आप एक सीनियर सिटीजन है तो आपको यह लिमिट ₹50000 तक मिलती है।
बहुत सारे लोगों के मन में सवाल रहता है कि हमें बचत खाते के जमा पूंजी पर मिलने वाले ₹10000 से अधिक ब्याज पर इनकम टेक्स क्यों देना पड़ता है। यहां पर बताना चाहता हूं कि आपका सेविंग अकाउंट में जमा पूंजी पर मिलने वाले रकम पर जो ब्याज मिलता है वह आपके अलग इनकम सोर्स के कैटेगरी में आता है। इसलिए अगर आपके सेविंग अकाउंट में जमा पैसे पर 10000 से अधिक ब्याज मिलता है तो आपको उसे पर टैक्स देना पड़ता है।